4.10.15

ei duniyaa

(शायरी)
ऐ दुनिया, मेरी कोई दिलचस्पी नही तुझे
अपने गम दिखाने में

अफ़वाहों  का बाज़ार तो गर्म है मेरे बारे में
 मगर तू खामखां इनको सच मानकर
अपना वक़्त ना जाया कर मुझे समझाने में

ऐ दुनिया, मेरी कोई दिलचस्पी नही तुझे
अपने गम दिखाने में

 जानता तो, मैं भी हूँ तेरे लोगों को
कुछ अच्छे भी और कुछ ....

खैर मैं चाहता नही, बेवजह तुझे
तकलीफ देना,
इतेफाक से संभाल
सकता हूँ दर्द अपना

चूँकि ,
ऊपर वाले ने खुद चुना है
यह किरदार अपना

ऐ दुनिया, मेरी कोई दिलचस्पी नही तुझे
अपने गम दिखाने में

 यह किरदार मेरी पूरी  दुनिया है

यह मेरी खूबी भी
यही मेरी ताक़त भी

और यही किरदार मेरा दर्द भी.

ऐ दुनिया तेरी तेज़ चाल से
कदमताल करना सीख रहा हूँ,

लगा तो मैं भी हूँ
 पीछे छोड़ देने की जुगत में

 मगर कोई नफ़ा नही, चूहे बिल्ली की इस दौड़ में

बाख़ूब वाकिफ हो चुका हूँ
तुझसे लिए पंगो के अंजाम से,

ऐ दुनिया, मेरी कोई दिलचस्पी नही तुझे
अपने गम दिखाने में

ऐ दुनिया,
तू मेरे वास्ते मत रुक
आगे बढ़ती रह अपनी
तेज़ रफ़्तार से...

ऐ दुनिया, मेरी कोई दिलचस्पी नही तुझे
अपने गम दिखाने में...!!

No comments:

Post a Comment

Search This Blog

Let make your friend aware about this post